भीड से निकलने की
भीड से निकलने की
चाहत होने लगी है
अब हमे भी पहचान
गैरौ की होने लगी है
चन्द ख्वाहिश की खातिर
अपनो से तू -तू ,
मै -मै होने लगीं है।
हरमिंदर कौर, अमरोहा
भीड से निकलने की
चाहत होने लगी है
अब हमे भी पहचान
गैरौ की होने लगी है
चन्द ख्वाहिश की खातिर
अपनो से तू -तू ,
मै -मै होने लगीं है।
हरमिंदर कौर, अमरोहा