भीड मे खोना
मगर जो अपने होते हुए मिल जाते है
किसी से दिल मिलते है किसी से दिमाग
ये दुनिया बड़ी मतलबी हैं साहब
यहाँ लोग हजार मिलते हैं
कहने को सब अपने होते हैं पर होता कोई नहीं
आज तुम्हारे हैं कल किसी ओर के हो जाएगें
जहाँ फायदा ज्यादा होगा ये वहाँ चले जाएगें
अब मोहब्बत कोई दिल से करता नहीं हैं
जो करता हैं उसे मिलती नहीं हैं
ये इश्क़ बुखार हैं साहब
इतनी जल्दी उतरता नहीं हैं
किसी को किसी से मोहब्बत हैं
किसी को किसी से मोहब्बत हैं
हम क्या बताएं ऐ खुदा
हमें इंसानियत से मोहब्बत हैं
हम उन्हें देखकर खुश हैं
जो किसी ओर के होकर खुश हैं|