Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#13 Trending Author
Dr fauzia Naseem shad
191 Followers
Follow
Report this post
6 Apr 2023 · 1 min read
भीड़ पहचान छीन लेती है
इसका हिस्सा कभी नहीं बनना ।
भीड़ पहचान छीन लेती है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
8 Likes
· 405 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like these posts
प्रेम और करुणा: समझ और अंतर। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
Mohan Pandey
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
माँ
Ayushi Verma
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🙅आज का मसला🙅
*प्रणय*
वो लुका-छिपी, वो दहकता प्यार...
Shreedhar
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
राममय हुआ हिन्दुस्तान
Parmanand Nishad Priy
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
इसके बारे में कैसा है?
Otteri Selvakumar
"दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते" बाजार तक चलते है!
शेखर सिंह
3709.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चिड़ियों की चहक
Santosh kumar Miri
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
जग में उजास फैले
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
देर आए दुरुस्त आए...
Harminder Kaur
*बाल गीत (पागल हाथी )*
Rituraj shivem verma
राजनीति के खेल निराले
Mukesh Kumar Rishi Verma
" इम्तिहां "
Dr. Kishan tandon kranti
यूं इतराया ना कर
Shinde Poonam
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी तरह की ग़ुलामी का ताल्लुक़ न जोड़ इस दुनिया से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
समझों! , समय बदल रहा है;
अमित कुमार
शब्द
Neeraj Agarwal
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
रुलाई
Bodhisatva kastooriya
Loading...