भिखारी
तुम्हारी दौलत से ज्यादा परेशानियां है मेरी
गिर जाओगे मेरा किरदार निभाते – निभाते
एक रोज कभी जब बैठोगे मेरे पास तुम लोग
शायद शाम कर दूंगा मैं तुम्हें वो बातें बताते-बताते
प्रवीण माटी
तुम्हारी दौलत से ज्यादा परेशानियां है मेरी
गिर जाओगे मेरा किरदार निभाते – निभाते
एक रोज कभी जब बैठोगे मेरे पास तुम लोग
शायद शाम कर दूंगा मैं तुम्हें वो बातें बताते-बताते
प्रवीण माटी