भिखारी एक पेशा
पेशा या मजबूरी
गौर करना है जरूरी
टूटा हाथ दिखाकर
लोगों को गुमराह बनाते हैं,
कर्म नही मक्कारी करके
अपना काम चलाते है,
नजरों से हीं भांप लेते
दूर से हीं जांच लेते
कौन कितना है दयालु
पैसे हीं चाहिए , नही चाहिए इन्हें
अनाज आलू,
इन सबको देखकर, आदमी
कर देता है इनकार,
पता हीं नही चलता
वास्तव मे कौन है बेबस लाचार,
दिखते हैं जो भिखारी
उनका गिरोह है भारी,
भोले भाले लोगों को
ठगना इनका काम ,
गलत करते है
लेके ईश्वर का नाम,