Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 1 min read

भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,

भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
हीनता, दरिद्रता में जहाॅं हीन भावना जाग्रत होती है,
वहीं अपमान, धोखा खाकर यह उद्वेलित होती है…
तृप्ति, सम्मान, आदर-सत्कार से यह रचनात्मक होती है।

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द
शब्द
Sûrëkhâ
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
Madhuyanka Raj
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
भक्त औ भगवान का ये साथ प्यारा है।
भक्त औ भगवान का ये साथ प्यारा है।
सत्य कुमार प्रेमी
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
VINOD CHAUHAN
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
..
..
*प्रणय*
नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Agarwal
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
Ravikesh Jha
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
रिश्ता गहरा आज का,
रिश्ता गहरा आज का,
sushil sarna
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
एक कुण्डलियां छंद-
एक कुण्डलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
4547.*पूर्णिका*
4547.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नज़्म - चांद हथेली में
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
"क्रान्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
हम जीये यहाँ इस तरहां
हम जीये यहाँ इस तरहां
gurudeenverma198
Loading...