भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
हीनता, दरिद्रता में जहाॅं हीन भावना जाग्रत होती है,
वहीं अपमान, धोखा खाकर यह उद्वेलित होती है…
तृप्ति, सम्मान, आदर-सत्कार से यह रचनात्मक होती है।
…. अजित कर्ण ✍️