भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
सबको दिलो से खेलना है
क्या रिश्ते क्या नाते
बस मतलब का किस्सा रखना है
अनचाही सी भीड़ में
तन्हाई मेरी साथी है
महफ़िलो में मैं क्या बताऊं
मेरा दम सा निकलता हैं✍🏻
भावनाओं की किसे पड़ी है
सबको दिलो से खेलना है
क्या रिश्ते क्या नाते
बस मतलब का किस्सा रखना है
अनचाही सी भीड़ में
तन्हाई मेरी साथी है
महफ़िलो में मैं क्या बताऊं
मेरा दम सा निकलता हैं✍🏻