भालवीर नीरज
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भारत नीरज लाल ने,भाला फैंका आज।
झोली में सोना मिला,है राष्ट्र को नाज़।।
भाला निकला हाथ से,मिला पूर्ण मुकाम।
विश्व विजेता को मिला,भालवीर का नाम।।
बाजुओं के ज़ोर से ,मिली कीर्ति आपार।
विस्थापित कीर्तिमान से,मिला हर्ष अंबार।।
स्वर्ण पदकधारी बना,आज भारत महान।
नीरज ने चमका दिया,विश्व में राष्ट्र मान।।
सूखा मिटा गोल्ड का ,पूरी हुई मुराद।
बलिहारी हैं आपके,सुनी आज फरियाद।।
गौरवशाली पल मिले, बढ़ाया भाल मान।
मनसीरत है झूमता, बढ़ी तिरंगी शान।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)