भारत युवा –गीत
भारत युवा –गीत
बहके ना कभी युवा वर्ग ले असफलता कदम
ला पायेंगे सफलता बीज़ हटा के सब बहम ।।
दो पीढ़ियों में सामजस्य सा जो होगा बना
युवा को असंतोष बाद जोश भरी ज़ारी रसम।।
सबसे पहले बड़े सफाई पाठ को समझ लाये
राष्ट्र मन बसी गंदगी को वातावरण ले रहम।।
शिक्षा के माध्यम से मानवता पाठ सिखा जाये
अंत हो आपसी लिंग बिरोध नशा लेकर अहम ।।
बेरोजगारी को लेकर मन अवसाद रखते बैर
बिना अंतर के गुणों को मोहरी से हो संयम।।
भारतीय युवा स्वतंत्र हैं, आशावादी श्रम में हैं ढले
ये बात भुले न करें राष्ट्र इनको मौका कर करम।।
२
बहके युवा कदम से ,महके अशिक्षा खाली समां
कर वो पूरी नफरत ,दूर बड़ों से रहे अब बना।।
तुम भी हो खोये नफरत ,दिलउनका टूटा जाना
भुले संस्कार में स्वच्छता, नशे का दास सा माना।।
बेरोजगार होकर मन में, असंतोष भावना बनी
जीवन नैया उनको अपनी, सदा डूबती सी ही लगी।।
भारत युवा देश एक होकर, सम्भालने में नैन नमी
सपना उनका आत्मनिर्भर, जग दौड़ में ठहरी गमी।।
दो पीढ़ियों रहें समझ से, नेह प्रेम से राह मिलेगी
राष्ट्र उन्नति में उदय ले , युवा पीढ़ी अग्रसर बढ़ेगी।।
लेखिका –रेखा मोहन पंजाब