भारत माता की जय
भारत माता की जय,भारत माता की जय
तेरा आँचल अम्बर जैसा तेरी गाथा अक्षय
सागर चरणों की धूल चखे तू जननी वीर प्रसूता है
सरताज हिमालय को लांघे दुनिया में किसका बूता है
सीमा पर तेरे पुत्र खड़े बनकर चट्टान अजय
भारत माता……
अभिमन्यु बना हर बालक है, लक्ष्मीबाई बालिका सभी
रणचण्डी बनकर बीच समर जब तू मांगे बलिदान कभी
दुश्मन का शीश चढ़ाने को आतुर जवान अतिशय
भारत माता…………..
जीवन का तत्व प्रवाहित है गंगा की अविरल धारा में
जन्मों का लक्ष्य समाहित है एक अटल सत्य ध्रुवतारा में
भारती तुम्हारी एक दृष्टि पर वारुं सौ परिणय
भारत माता………..
माटी का तिलक लगाऊँ मैं, चन्दन का तिलक मिले न मिले
बस कफ़न तिरंगा मिल जाए खुशियों का फलक मिले न मिले
माँ के चरणों का सेवक हूँ, इतना ‘असीम’ परिचय
भारत माता…………
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’