भारत भूमि में पग पग घूमे ।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे,
भिक्खु रूप में धारण करके ,
हाथ में भिक्षा पात्र ले,
उपदेशो से घर – घर सींचे,
ज्ञान बीज भंडार से ।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।…….(१)
कर कमलों से बुद्ध के हमने,
पाया शांति का संसार है,
स्वर्णिम युग बना काल वह,
अशोक महान ने त्यागा हथियार है।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।….(२)
अखंड बना बुद्ध का भारत,
विश्व गुरु बने बुद्ध भगवान हैं,
ऐसे श्रमण बुद्ध महान थे,
सम्राट अशोक ने किया सम्मान है।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।…..(३)
चीन जापान थाईलैंड वियतनाम,
महेन्द्र संघमित्रा संग लंका पहुंँचे थे,
बोधिवृक्ष ज्ञान की शाखा रोप,
किया धम्म का प्रसार है।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।….(४)
बुद्ध ज्ञान जब फैला चहुँदिश,
प्रफुल्लित हुआ सारा जहाँ ये,
लहलहाये विश्व में धम्मा,
विलुप्त हुआ था भारत में जन्मा ।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।…….(५)
बाबा भीम महान वह,
बोया बीज ज्ञान बुद्ध का ,
गूंँजे जग में फिर बुद्ध का नाम,
बुद्ध देश में हुए बुद्ध महान।
भारत भूमि में पग पग घूमे,
ऐसे बुद्ध महान थे।……..(६)
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।