भारत भाषा हिन्दी
जन गण गान कहें , जन मन संग रहे ,
अबद्ध प्रीत डोर से , बांधती भाषा हिन्दी।
जनमत तंत्र रचे , प्रेम से सम्बन्ध रुचे ,
सूरज से चन्दा जगे , भारत भाषा हिन्दी।
वेदों की तनया कहें , ऋषियों की वाणी कहें,
सूर तुलसी कबीर , पन्त की भाषा हिन्दी ।
उत्तर दक्षिण चलें , पूर्व से पश्चिम सजे ,
अनुपम अनुरागी , राष्ट्र भाषा हिन्दी ।
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मौलिक , स्वरचित – शेख जाफर खान