भारत छोड़ो
????भारत छोड़ो????
आज उठी है हूक कि कह दूँ भारत छोड़ो।
जितने भी हैं ऐब हिन्द से अब मुँह मोड़ो।
मतलब ने अपनेपन का दिया घोंट गला है।
अच्छों को अच्छाई का न मिला सिला है।
मतलबपरस्ती,जाओ कहीं और तुम दोड़ो।
जितने भी हैं ऐब हिन्द से अब मुँह मोड़ो।
विश्वासघात मेहमान बना है दिलों में देखो।
और भरोसा छिपा कहीं है बिलों में देखो।
कोई तो विश्वास डोर को फिर से जोड़ो।
जितने भी हैं ऐब हिन्द से अब मुँह मोड़ो।
थी साफ सफाई,लाज,विनय विरासत अपनी।
लील गयी सबको नवेली आदत अपनी।
बेशर्मी का घट भरने से पहले फोड़ो।
जितने भी हैं ऐब हिन्द से अब मुँह मोड़ो।
✍हेमा तिवारी भट्ट✍