Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

भारत की नई तस्वीर

आज हिंद की गति को देखो , बड़े हुए अब कद को देखो
विकसित भारत के कदमो को, नये भारत की शक्ति देखो

कल तक तुमने इस भारत को, नहि सही आंकलन जाना है
नवयुग के इस शंखनाद को, अभी अभी तो पहचाना है
बड़ती लहर तिरंगा देखो , संग केसरिया शक्ति देखो

जल थल नीलगगन में जाकर, नव इन्द्रधनुष लहराए है
नारी ने उपलब्धि के नये , कुछ परचम नव फहराए हैं
याद दिलाया गौरव देखो, उस नालंदा की उन्नति देखो

आओ झांकी एक सजाएं, दुर्गा लक्ष्मी या नीरा की
जहाँ कल्पना बीना भी हो ,राजमनी या जगरानी की
करें आरती उनकी देखो , जली क्रांति की होली को देखो

बलिदानों की गाथा गायें, कीर्ति उनकी अमर कथाएं
आज करें वन्दन अभिनंदन, देश प्रेम के गीत सुनाएँ
अग्नी कन्या बीना देखो , काकोरी की झांकी देखो

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
*बेचारी जर्सी 【कुंडलिया】*
*बेचारी जर्सी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
सब की नकल की जा सकती है,
सब की नकल की जा सकती है,
Shubham Pandey (S P)
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
घर घर ऐसे दीप जले
घर घर ऐसे दीप जले
gurudeenverma198
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
बिहार के रूपेश को मिला माँ आशा देवी स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचंद शिरोमणि सम्मान
रुपेश कुमार
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
ओनिका सेतिया 'अनु '
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
बिना जिसके न लगता दिल...
बिना जिसके न लगता दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
गुमनाम 'बाबा'
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
मुझे  पता  है  तू  जलता  है।
मुझे पता है तू जलता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
🙅क्षमा करें🙅
🙅क्षमा करें🙅
*प्रणय*
बातों को अंदर रखने से
बातों को अंदर रखने से
Mamta Rani
करबो हरियर भुंईया
करबो हरियर भुंईया
Mahetaru madhukar
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
3174.*पूर्णिका*
3174.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
shabina. Naaz
लड़खड़ाते है कदम
लड़खड़ाते है कदम
SHAMA PARVEEN
Loading...