भारत का संविधान
भारत देश की जान है, भारत का संविधान।
भारत की पहचान है, भारत का संविधान।
समता बंधुत्व समानता, का यह संगम है,
शोषित की मुस्कान है, भारत का संविधान।
सबको न्याय मिलेगा, गर इसका पालन हो,
पूरे भारत की शान है, भारत का संविधान।
सब धर्मों का सम्मान, लिखा है इसके अंदर,
सब का स्वाभिमान है, भारत का संविधान।
एकता और अखंडता, को आंच न आ पाए,
भारत का अभिमान है, भारत का संविधान।
लिखा भीमराव ने, मान जिसे रहा सारा देश,
सर्वजनों का सम्मान है, भारत का संविधान।
कठोर और लचीला, दुनिया से बड़ा है ये,
सबसे हटकर पहचान है, भारत का संविधान।
– रमाकांत चौधरी एडवोकेट
उत्तर प्रदेश।
(यह रचना स्वलिखित, मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है)