Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2017 · 4 min read

भारतीय महिलाओं की दिशा एवं दशा

वर्तमान हालात-
गौरतलब है कि आजाद भारत में महिलाओं ने दिन-प्रतिदिन अपनी लगन, मेहनत एवं सराहनीय कार्यो द्वारा राष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं. मौजूदा दौर में महिलाएँ नए भारत के आगाज़ की अहम कड़ी दिख रही हैं. लम्बे अर्से के अथक परिश्रम के बाद आज भारतीय महिलाएँ समूचे विश्व में अपने पदचिन्ह छोड़ रहीं हैं. मुझे कहने में कोई गुरेज नही है कि पुरूष प्रधान रूढ़िवादी समाज में महिलाएँ निश्चित रूप से आगामी स्वर्णिम भारत की नींव और मजबूत करने का हर सम्भव प्रयास कर रहीं हैं, जो सचमुच काबिले तारीफ़ है. हाँ, यह जरूर है कि कुछ जगह अब भी महिलाएँ घर की चहरदीवारी में कैद होकर रूढ़िवादी परम्पराओं का बोझ ढ़ो रहीं हैं. वजह भी साफ है, पुरूष प्रधान समाज का महज संकुचित मान्सिकता में बँधें होना.

संवैधानिक अधिकार एवं आधार –
भारतीय संविधान सभी भारतीय महिलाओं को समान अधिकार (अनुच्छेद 14), राज्य द्वारा कोई भेदभाव नही करनें (अनुच्छेद 15(1)), अवसर की समानता (अनुच्छेद 16), समान कार्य के लिए समान वेतन (अनुच्छेद 39(घ)) की गारंटी देता है. इसके अलावा यह महिलाओं एवं बच्चों के पक्ष में राज्य द्वारा विशेष प्रावधान बनाएँ जाने की अनुमति देता है (अनुच्छेद 15(3)), महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का परित्याग करनें (अनुच्छेद 15(ए)ई) और साथ ही काम की उचित एवं मानवीय परिस्थितियाँ सुरक्षित करने, प्रसूति सहायता के लिए राज्य द्वारा प्रावधानों को तैयार करने की अनुमति देता है (अनुच्छेद 42).
ध्यातव्य है कि समय समय पर महिलाएँ अपनी बेहतरीकरण हेतु सक्रियता से आवाज़ उठाती रहीं हैं. जिसकी पर्दा प्रथा, विधवा विवाह, तीन तलाक, हलाला व अन्य इसकी बानगी है. आज समूचा भारत हर सम्भव तरीके से समाज की सभी बहन, बेटियों की हिफ़ाजत चाहता है. एक कदम आगे बढ़कर भारत सरकार ने सन् 2001 को महिला सशक्तीकरण वर्ष घोषित किया था और सशक्तीकरण की राष्ट्रीय नीति भी सन् 2001 में ही पारित की थी.

ऐतिहासिक स्वर्णाक्षर –
1- आजाद भारत में सरोजिनी नायड़ू संयुक्त प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनी.
2- सन् 1951 में ड़ेक्कन एयरवेज की प्रेम माथुर प्रथम भारतीय महिला व्यवसायिक पायलट बनी.
3- सन् 1959 में अन्ना चाण्ड़ी केरल उच्च न्यायलय की पहली महिला जज बनी.
4- सन् 1963 में सुचेता कृपलानी पहली महिला मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश) बनी.
5- सन् 1966 में कमलादेवी चट्टोपाध्याय को समुदाय नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे अवार्ड़ दिया गया.
6- सन् 1966 में इंदिरा गाँधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी.
7- वर्ष 1972 में किरण वेदी भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती होने वाली पहली महिला बनी.
8- वर्ष 1979 में मदर टेरेशा नोबेल शान्ति पुरस्कार पाने वाली पहली महिला थी.
9- साल 1997 में कल्पना चावला पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी.
10- वर्ष 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनीं.
11- साल 2009 में मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं.
12- साल 2017 में निर्मला सीतारमन पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री बनी.

शैक्षिक आकड़ा-
समाजिक सम्बलता हेतु बदलते भारत में महिलाओं की साक्षरता दर लगातार बढ़ती जा रही है, परन्तु पुरूष साक्षरता दर से अब भी कम ही है. लड़कों की तुलना में बहुत कम लड़कियाँ ही स्कूल में दाखिला लेतीं हैं और उनमें से कई बीच से ही अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं. दूसरी तरफ शहरी भारत में यह आकड़ा संतोषजनक है. लड़कियाँ शिक्षा के मामले में लड़को के लगभग बराबर चल रहीं हैं. एक सबल राष्ट्र बनाने के लिए महिलाओं की शिक्षा एवं उनकी सक्रिय भागीदारी अति आवश्यक है. इसलिए हम सबको महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

श्रमशक्ति में भागीदारी-
आम धारणा के विपरीत महिलाओं का एक बड़ा तबका कामकाजी है. शहरी भारत में महिला श्रमिकों की एक बड़ी तादात मौजूद है. साफ्टवेयर उद्योग में 30 फीसदी महिला कर्मचारी हैं. पारिश्रमिक एवं कार्यस्थल के मामले में पुरूष सहकर्मियों के साथ बराबरी पर हैं. कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों में कुल महिला श्रमिकों को अधिकतम 89.50 फीसदी रोजगार दिया है. फोर्ब्स मैगजीन की सूची में जगह बनाने वाली दो भारतीय महिला ललिता गुप्ते और कल्पना मोरपारिया भारत के दूसरे सबसे बड़े बैंक ICICI को संचालित करती हैं.

महिलाओं के विरूद्ध अपराध-
पुलिस रिकार्ड़ को देखें तो महिलाओं के विरूद्ध भारत में एक बड़ा आकड़ा मिलता है, जो हम सबको चिन्तन करने पर मजबूर करता है. यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, गर्भपात, महिला तस्करी व अन्य उत्पीड़न के आकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए दिखाई दे रहें हैं. वर्ष 1997 में सर्वोच्य न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक विस्तृत दिशा निर्देष जारी किया. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाँ भर में होने वाले बाल विवाहों का 40 प्रतिशत अकेले भारत में होता है. भ्रूण हत्या के मद्देनज़र इस पर प्रतिबन्ध लगाने का सराहनीय कार्य भारत सरकार ने किया और घरेलू हिंसा पर रोकथाम के लिए 26 अक्टूबर 2006 में महिला सरक्षण एक्ट भी लाया.
अभी हाल में ही 22 अगस्त 2017 में सर्वोच्य न्यायालय की पाँच जजो वाली बेंच ने तीन तलाक जैसी कुरीतियों पर प्रतिबन्ध लगाकर मुस्लिम समाज को एक नई दिशा प्रदान की.

चलो बदलाव करें-
निष्कर्ष यह है कि महिलाओं के बेहतरीकरण के लिए हम सबको अपनी कुत्सित एवं रूढ़िवादी मान्सिकता से बाहर निकलना होगा. उन्हे सम्मान के साथ साथ शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी व अन्य सभी स्थानों पर बराबरी देना होगा. गौरतलब है कि भारतीय महिलाओं ने राष्ट्र की प्रगति में अपना अधिकाधिक योगदान देकर राष्ट्र को शिखर पर पहुँचाने हेतु सदैव तत्पर रहीं हैं. सच पूछो तो नारी शक्ति ही समाजिक धुरी और हम सबकी वास्तविक आधार हैं. महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही नीतियों में पूर्ण सहयोग देकर उसको परिणाम तक पहुँचाना होगा. युगनायक एवं राष्ट्र निर्माता स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था – ” जो जाति नारियों का सम्मान करना नहीं जानती, वह न तो अतीत में उन्नति कर सकी, न आगे उन्नति कर सकेगी।” हमें भारतीय सनातन संस्कृति के “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” धारणा को साकार करते हुए महिलाओं को आगे बढ़नें में सदैव सहयोग करना चाहिए.

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 633 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
निकलो…
निकलो…
Rekha Drolia
बस यूं ही
बस यूं ही
MSW Sunil SainiCENA
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Mahender Singh
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
छोटी सी दुनिया
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
संगीत
संगीत
Vedha Singh
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
दोस्ती
दोस्ती
राजेश बन्छोर
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
Sanjay ' शून्य'
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
जज़्बात-ए-दिल
जज़्बात-ए-दिल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
Ravi Prakash
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
Manu Vashistha
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"आखिर में"
Dr. Kishan tandon kranti
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
पूर्वार्थ
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
Sunil Suman
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*Author प्रणय प्रभात*
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
उसको देखें
उसको देखें
Dr fauzia Naseem shad
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
Loading...