भारतवर्ष हमारा है
आज देश की माटी ने फिर एक बार हुंकारा है
हम सब इसके लाल और ये भारतवर्ष हमारा है
आँख उठा कर जो भी देखे है उसकी अब खैर नहीं
प्राण निछावर हैं इस पर ये प्राणों से भी प्यारा है
़़़़़़़ अशोक मिश्र
आज देश की माटी ने फिर एक बार हुंकारा है
हम सब इसके लाल और ये भारतवर्ष हमारा है
आँख उठा कर जो भी देखे है उसकी अब खैर नहीं
प्राण निछावर हैं इस पर ये प्राणों से भी प्यारा है
़़़़़़़ अशोक मिश्र