भामाशाह
दोहा
तन मन धन अर्पण किया, मातृभूमि के नाम
भामाशाह तुम्हें करे, भारतवर्ष प्रणाम
कुंडलिया
दानी भामाशाह का,अमर रहेगा नाम
बचा लिया मेवाड़ को, किया निराला काम
किया निराला काम, दान दी दौलत सारी
देश भक्ति के साथ,निभायी जिम्मेदारी
कहे ‘अर्चना’ बात, शाह थे जितने ज्ञानी
उतने वीर महान, कर्म से थे वह दानी
मुक्तक
राणा के तुम सलाहकार थे , पूरे मन से काम किया
देश के लिए जीना मरना, तुमने था संकल्प लिया
भामाशाह ये नाम तुम्हारा, भूल न कोई पाएगा
मातृभूमि की खातिर तुमने , तन मन धन सब वार दिया
डॉ अर्चना गुप्त
28.06.2024