भाई
भाई हो तो भरत सा, सब कुछ कर दे त्याग
दुर्योधन की तरह जो, नहीं अलापे राग
2
भाई चारा सीखना, राम भरत को जान
भाई के खातिर करे, अपने सुख का दान
राकेश पाठक सतना m. P.
भाई हो तो भरत सा, सब कुछ कर दे त्याग
दुर्योधन की तरह जो, नहीं अलापे राग
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भाई चारा सीखना, राम भरत को जान
भाई के खातिर करे, अपने सुख का दान
राकेश पाठक सतना m. P.