भाई बहन की संवेदना (रक्षाबंधन पर्व)
बहन अपने भाई से—
मेरे प्यारे भइया,हम तुम एक डाली के फूल,एक डाली के फूल ।
जीवन में कुछ भी हो जाए, हमें न जाना भूल,भइया हमें न जाना भूल।
रिश्तों में चढ़ जाए कभी,गर जीवन में है धूल,
बचपन की यादें कर कर के, हरदम रहना कूल, भइया हरदम रहना कूल।
भाभी से मत झगड़ा करना,बात न देना तूल,
हंसी खुशी से निपटा लेना,जीवन के सब शूल,भइया जीवन के सब शूल।
हम तुम एक डाली के फूल
भाई बहन से–
मेरी प्यारी बहना,हम तुम एक डाली के फूल ,
बचपन साथ गुजारें हमने ,कैसे जाऊं भूल। बहना कैसे जाऊं भूल ।
बड़े हुए तो अलग हो गए ,कुदरत का यह रूल,
जीजा के संग आते रहना,गली न जाना भूल।
बहना गली न जाना भूल।
हम तुम एक डाली के फूल