Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2018 · 1 min read

भाई दूज-हाइकु

1
है भाई दूज
मुदित है यमुना
पधारे यम
2
शुभकामना
भाई दूज के दिन
दीर्घायु भाई
3
अतुल प्यार
भाई का जयकार
भईया दूज
-©नवल किशोर सिंह

Language: Hindi
1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
मेहनत की कमाई
मेहनत की कमाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
2927.*पूर्णिका*
2927.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
बेटी
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
*नारी को है सम्मान जहॉं, वह धरती स्वर्ग-समान है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
आ गए चुनाव
आ गए चुनाव
Sandeep Pande
मेरी कविता के दर्पण में,
मेरी कविता के दर्पण में,
हिमांशु Kulshrestha
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन💐💐(दसवां अंतिम दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
हार का प्रमुख कारण मन का शरीर से कनेक्शन टूट जाना है।
Rj Anand Prajapati
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
पूर्वार्थ
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यह सफ़र
यह सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
" विनाशक "
Dr. Kishan tandon kranti
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
रिश्तों में पड़ी सिलवटें
Surinder blackpen
*आज का मुक्तक*
*आज का मुक्तक*
*प्रणय*
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
मन में किसी को उतारने से पहले अच्छी तरह
ruby kumari
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
Loading...