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24 Jul 2024 · 1 min read

भस्म लगाई जिस्म पर,

भस्म लगाई जिस्म पर,
बन बैठे फिर भक्त ।
थोड़ा इन पर सोच कर,
ही होना आसक्त ।।

सुशील सरना / 24-7-24

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