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20 Feb 2021 · 1 min read

भवानी प्रसाद मिश्र-जनमानस के कवि

पं भवानी प्रसाद मिश्र–
जनमानस के कवि
———————-
आज पं भवानी प्रसाद मिश्र जी का जन्मदिन है।उन्हें सुनने के लिये कई बार मुझे गुरुग्राम से विशेष रूप से दिल्ली आना होता था तो आता था और रात को अकेला पैदल बस स्टैंड तक बस पकड़ने जाना होता था।
उनकी प्रसिद्ध रचना ‘सतपुड़ा के घने जंगल’ उनके श्री मुख सुनने का सौभाग्य मुझे है।फ़िरोज़शाह कोटला के पीछे मैदान में सुनी थी। लाल क़िले पर गणतंत्र दिवस के मौक़े पर ‘हाँ,हाँ,मैं गीत बेचता हूं’ एक अमिट छाप की तरह मन मस्तिष्क में छाई हैं।
उनका भावातिरेक होकर कविता सुनाना और कविता को भाव अनुरूप प्रस्तुत करना बहुत बड़ी विशेषता थी। उनकी कविता लयबद्ध होकर निकलती थी और साथ ही उनकी अश्रुधारा भी बहती थी। एक अनूठा अनुभव रहता था।कविता जैसे जीवंत हो उठती थी । ऐसी महान विभूति के लिये बारंबार प्रणाम। वे आज भी प्रेरणास्त्रोत हैं और आगे भी रहेंगे।
————
राजेश’ललित’

Language: Hindi
Tag: लेख
8 Likes · 3 Comments · 438 Views
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