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29 May 2024 · 1 min read

भलाई

चार दिनों के जीवन में
बस स्नेह और प्रेम हमेशा बना रहे
कुछ और रहे ना रहे लेकिन
मेल जोल आपसी बस बना रहे
जाने कितने वर्षों तक हमने बस
कटुता और वैमनस्यता झेली है
छोड़कर कटुता का दामन
सौहार्द वातावरण बना रहे

क्या मिलता है हमको बोलो
ईर्ष्या आपस में करने से
क्या मिलता है हमको बोलो
नीचा किसी को दिखाने से
राम,कृष्ण, बुद्ध और नानक की
धरती पर तुमने जन्म लिया है
छोड़कर राग द्वेष की बातें
भलाई है आदर्शों को अपनाने से

इति।

संजय श्रीवास्तव
बीएसएनल बालाघाट, मध्यप्रदेश

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