भरोसा — 2
हम भरोसा करें क्या बता जिंदगी
एक दिन छोड़ कर तू चली जाएगी
तुझसे अच्छी तो वो मौत की है घड़ी
जो गमों में सहारा —— ही दे जाएगी
है दिखाती तू — आंखें गरीबी में पर
मौत तो फ़र्ज़ — अपना निभा जाएगी
हो गई है भंवर से ——— मेरी दोस्ती
अब लहर ही किनारे पे ले जाएगी