भरोसा
टूट जाए कुछ भी पर भरोसा टूटने न देना,
थामा जो हाथ मेरा वो कभी छूटने न देना।
परिस्थितियों का मुकाबला मिलकर करेंगे,
सजाये ख़्वाब जो आँखों ने उसे टूटने न देना।।
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रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृह जिला- सुपौल (बिहार)
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०- 9534148597