भरम हमारे
भरम हमारे तोड़ो सारे
मुझको मेरा हो जाने दो
टूटे ख्वाबों के गट्ठर को
सिरहाने रखकर सो जाने दो
प्रीत का रंग बेहद कारा
सुफेद रंग अब रंग -रोधी
आती नही है अंतस से
सच्चाई की खुश्बू सौंधी
झूठे सुख के वजाय अब
सच्चे दुःख में खो जाने दो
भरम हमारे तोड़ो सारे
मुझको मेरा हो जाने दो
झूठा प्रेम झूठ की माया
प्रेम- पाश का झूठा बंधन
झूठी चिंता झूठे आंसू
ऊपर से अभिनय -ए – क्रंदन
झूठ के कठिन कलुष धागे में
सच को भरपूर पिरो जाने दो
भरम हमारे तोड़ो सारे
मुझको मेरा हो जाने दो
मन का भार उतरना चाहे
ढोने का बल क्षीण हुआ
वक्त की कठिन परीक्षा में
आदमी कम ही उत्तीर्ण हुआ
कठिन संजोना है खुद को पर
सपनों को तो संजो जाने दो
भरम हमारे तोड़ो सारे
मुझको मेरा हो जाने दो
-सिद्धार्थ गोरखपुरी