भय और नकारात्मक माहौल में आनंद की ख़ोज – आनंदश्री
भय और नकारात्मक माहौल में आनंद की ख़ोज – आनंदश्री
– घटनाएं अनेक, प्रतिसाद सिर्फ एक
यह तो संसार ने अनुभव कर ही लिया है कि कोरोनावायरस घातक और गंभीर है। यह व्यक्तियों, कंपनियों, नगर पालिकाओं और दुनिया के लिए कहर बरसा रहा है। पूरा 2020 और 2021 का आधा साल बीमारी, नौकरी छूटने, निराशा और मृत्यु की कहानियों से भरा है। जब COVID-19 की बात आती है तो बुरी खबरों की कोई कमी नहीं है। यह हमारे प्रोडूक्टिव होने और हमारे काम में लगे रहने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसने हमारे मन को भी हताश किया।
– कोरोना में घातक है नकारात्मक सोच
इस सारी नकारात्मकता के संपर्क में आने से हममें से सबसे आशावादी भी निराश और यहाँ तक कि उदास महसूस कर रहा है। मामले को बदतर बनाते हुए, यह नकारात्मकता सोच अत्यधिक संक्रामक है। हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बड़ी सावधानी बरत रहे हैं, तो हम उन चीजों से खुद को बचाने का विरोध क्यों करते हैं जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं? एक हिस्सा एक अंतर्निहित नकारात्मकता पूर्वाग्रह से आता है जो हम मनुष्यों के पास है।
– नकारात्मकता “यह धारणा है ”
समान तीव्रता की होने पर भी, अधिक नकारात्मक प्रकृति की भावनाएं हानिकारक घटनाएं, अप्रिय घटनाएं, बुरे समाचार अधिक होती हैं। नकारात्मक का प्रभाव सकारात्मक चीजों की तुलना में किसी की मनोवैज्ञानिक स्थिति और प्रक्रियाओं पर ज्यादा प्रभावित करता है।
नकारात्मक भावनाएं हमारे सकारात्मक, अच्छे और उत्साहजनक चीजों से बाहर निकालता है।
– पांच का दम
एक अध्ययन से पता चलता है कि ” हमें नकारात्मक का प्रतिकार करने के लिए कम से कम 5 गुना अधिक सकारात्मक उत्तेजनाओं की आवश्यकता है।” अब अपने दिल और दिमाग को मज़ेदार, आशावादी और दयालु सभी चीज़ों से भरने का समय है।
– जानबूझ अच्छा सोचने की आदत डालें
ऐसे महामारी के संकट में एक आदत बहुत उपयोगी साबित होगी। वह है जानबूझ कर अच्छा सोचे। अन्यथा अशांत समय में करके देखे और खुद ही प्रयोग से नकारात्मक को ओवरकम करें।
– मानवता पर विश्वास करें
कितनी भी विकट परिस्थिति आ जाये, इंसान को मानवता पर आस्था रखनी चाहिए। उन कहानियों पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको मानवता की अच्छाई और मानवीय संबंध की शक्ति की याद दिलाती हैं।
कोरना काल की बहुत सी कहानियाँ है जो मानवता के सकारात्मक को दर्शाती है।
15 वर्षीय ज्योति कुमारी 1200 कि.मी. सायकिल ये यात्रा करते हुए अपने पिता को दिल्ली से बिहार पंहुचायी।
सिनेमा के पर्दे पर अक्सर खलनायक की भूमिका सोनू सूद रीयल लाईफ में गरीबो, बेबस के सहारा बने।
सड़को पर पैदल चलने वालों को अलग अलग NGO पानी, भोजन, चप्पल, जरुरी समान मुहैया कराई।
आपको भी चाहिए कि इस घडी में ऐसे कहानियां ढूंढे, उन्हें फैलाये। आशा दिप हर मोड़ पर जगाए। सक्रिय रूप से ऐसी कहानियों की तलाश करें और साझा करें जो मानव भावना का सर्वोत्तम उत्सव मनाती हैं।
– दूसरी पारी की शुरुवात
हो सकता है यह आपके जीवकन की दूसरी पारी है। समय इस विनाशकारी संकट का सबसे बड़ा उपहार हो सकता है। यदि आप अब वर्क फ्रॉम होम हैं, तो आपको अभी-अभी अपना आवागमन, आने जाने के समय का बचत का उपहार में दिया गया है। यदि आपका कुछ काम स्थगित या रद्द कर दिया गया है, या यदि आपको दुर्भाग्य से छुट्टी दे दी गई है या यहां तक कि बंद भी कर दिया गया है, तो निश्चित रूप से आपके पास कम धन है, लेकिन आपके पास अधिक समय है। आप उस समय को इस तरह कैसे व्यतीत कर सकते हैं जिससे आपको खुशी और खुशी मिले—अभी और भविष्य के लिए? वापस जब आप ओवरटाइम काम कर रहे थे और एक ब्रेक के लिए तरस रहे थे, तो आप किसे याद कर रहे थे? आप अपने जीवन में संतुलन बहाल करने के लिए क्या चाहते थे? अपना समय उन लोगों तक पहुंचने में भरें जिनसे आप प्यार करते हैं, या उन चीजों में डबिंग करते हैं जिन्हें आप हमेशा से आजमाना चाहते हैं। कोई भाषा सीखो। पुराने दोस्तों के साथ फिर से जुड़ें। ध्यान की एक नई आदत विकसित करें।
– मन की निर्मलता बनाये रखें
COVID-19 की वजह से हो रहे बहुत सारे व्यवधान गंभीर रूप से परेशान करने वाले हैं। लेकिन कुछ व्यवधान अप्रत्याशित लाभ के साथ आते हैं, जो आप चाहते थे। समस्या भी अवसर के साथ आते है। आपका शांत रहना और मन की निर्मलता बनाये रखना जरूरी है।
– उदार बने
इस महामारी में उदार रहे। हर आदमी एक संघर्ष के साथ जीवन जी रहा है। उदार होना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है । जब आप देते हैं, तो आप अपना आत्म-सम्मान और आत्म-मूल्य बढ़ाते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है। ओपरा पत्रिका ने एक कहानी पर प्रकाश डाला जिसमें दिखाया गया था कि ” केवल उदारता पर विचार करने से आपकी प्रतिरक्षा में वृद्धि होती है। जब हार्वर्ड के छात्रों ने मदर टेरेसा के अनाथों के प्रति झुकाव के बारे में एक फिल्म देखी, तो उनकी लार में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी की संख्या बढ़ गई। ” इसलिए उन लोगों की मदद करें जिन्हें इसकी आवश्यकता है, और अपने लिए सकारात्मक लाभों में हिस्सा लें। अच्छा करने की कहानियां एक पुस्तकालय भर सकती हैं। बड़ी बड़ी कंपनियों के सीईओ अपना वेतन दे रहे है। अच्छा करने के लिए प्रसिद्धि या विशेषाधिकार की आवश्यकता नहीं होती है; एक अच्छे मन की जरूरत होती है।
– मुस्कुराते रहे।
आपकी मुस्कान, आपके व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इतने व्यापक, विनाशकारी संकट में हास्य खोजना मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर आप ध्यान दें तो चारों ओर हास्य है। हँसी आपके शरीर को आराम देती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है, मस्तिष्क से एंडोर्फिन को एक्टिव ट्रिगर करती है, हृदय की रक्षा करती है और कैलोरी बर्न करती है।” अपने मन को कयामत दुख का आहार खिलाना बंद करो, और उसे पूर्ण आनंद का खजाना दो।
खुशी को बांटिए, सराहना कीजिये, परिस्थितयो को स्वीकार करें, लोगो का सहयोग करे तथा नकारात्मकता को दूर करें और अपने हौसले को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हर घड़ी में केवल धन्यवाद निकले।
घटना कोई भी हो, प्रतिसाद सिर्फ धन्यवाद हो।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
अध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747