*भज ले हरि का नाम (भक्ति गीत)*
भज ले हरि का नाम (भक्ति गीत)
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निकल न जाए साँस आखिरी ,भज ले हरि का नाम
( 1 )
यह शरीर है रेत महल – सा ,आज नहीं कल ढहना
निर्धन या धनवान चार दिन ,जग में सबको रहना
उड़ा देह से अमृत – पक्षी ,फिर तन का क्या काम
( 2 )
जितना बूढ़ा तन होता है ,उतना लालच बढ़ता
ढली देह के साथ बुढ़ापा ,इच्छाएँ ले चढ़ता
नहीं लगेगा इस कबाड़ का ,कल को कोई दाम
( 3 )
जिसके लिए जोड़कर दौलत ,बढ़िया खूब सजाया
अंत समय उस तन को ,कोठी – बँगला काम न आया
पता चल गया झूठा है जग ,सत्य नाम बस राम
निकल न जाए साँस आखिरी ,भज ले हरि का नाम
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451