भजन
तेरी ओट में सत्गुरु बाबा, जीवन कट जा मेंरा।
कर गुरु मत प्रदान प्रभु, तेरा पाटा ना बेरा।
निराधार जीवन मे गुरु, अंधकार समाया था।
हुई ज्योति प्रकाशमान, तेरा ज्ञान जो पाया था।
आया था एक महापुरुष, मेरे नीड़ निकट गेरा। (१)
कर गुरमत प्रदान ——
माता ने तो जन्म दिया, और बाप पलैया है ।
भव सागर में इस जीवन का, तू ही खिवैया है।
नैया है मझंधार मेरी, इसे कर दे पार सवेरा। (२)
कर गुरु मत प्रदान ———
पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आसमान में तू।
मै, मै मेरी में फंसा पडा़ और दया दान में तू।
एक सच्चे इंशान में तू, तेरा लगा पडा़ डेरा। (3)
कर गुरु मत प्रदान ———
मै मांगू हूं दातार, तेरी कृपाओं का भंडार।
मेरे करिये हृदय वास गुरु, मेरा होजा बेडा़ पार।
निराकार, इन संतों ने ,तुझे सभा बीच टेरा।
कर गुरु मत प्रदान —–