भजन :- शिव स्वरूप गुरु जान
गुरु का कर सम्मान, तुझे सब ज्ञान मिलेगा।
मात-पिता सम जान, तुझे सम्मान मिलेगा।।
गुरु की कृपा महान,तूँ करले गुरु की भक्ति।
हो जाये कल्याण, मिलेगी जीवन शक्ति।।
मत कर तू अभिमान, तुझे तब मान मिलेगा।
मात-पिता सम…..
तिमिर ताप संताप, हरण सब करते गुरुवर।
भव सागर से पार, सभी को करते गुरुवर।।
शिव स्वरूप गुरु जान, तुझे भगवान मिलेगा।
मात-पिता सम…..
धरती पर भगवान, रूप धर गुरु पधारे।
जीव जगत का सार,श्री गुरु वचन उच्चारे।।
सेवा कर नादान, तुझे वरदान मिलेगा।
मात-पिता सम…..
गुरू वचनों को आत्मसात सब करले प्यारे।
हर विपदा में साथ खड़े हैं गुरु हमारे।।
माया काया छोड़ तुझे निर्वाण मिलेगा।
मात-पिता सम…..
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’