भगवन तेरे द्वार पर, देखे अगणित रूप
भगवन तेरे द्वार पर, देखे अगणित रूप
जकड़ी माया मोह में ,हर चौखट पर धूप।
अपने-अपने फायदे, धन दौलत व्यापार।
मन मंदिर सूने पड़े, बाहर लगी कतार।।
सूर्यकांत
भगवन तेरे द्वार पर, देखे अगणित रूप
जकड़ी माया मोह में ,हर चौखट पर धूप।
अपने-अपने फायदे, धन दौलत व्यापार।
मन मंदिर सूने पड़े, बाहर लगी कतार।।
सूर्यकांत