भगतसिंह के वापसी
जवन ना होखे के चाहीं
उहे फेर हो रहल बा
अब तअ आजा, ए भगतसिंह
बड़ी देर हो रहल बा…
(१)
सड़क से लेके संसद तक
अंधेर हो रहल बा
अब तअ आजा,ऐ भगतसिंह
बड़ी देर हो रहल बा…
(२)
आज़ाद भारत के सपना
हाय, ढेर हो रहल बा
अब तअ आजा, ऐ भगतसिंह
बड़ी देर हो रहल बा…
(३)
लोकतंत्र के चीर हरन
बेर-बेर हो रहल बा
अब तअ आजा, ऐ भगतसिंह
बड़ी देर हो रहल बा…
(४)
हर डाली पर उल्लुअन के
बसेर हो रहल बा
अब तअ आजा, ऐ भगतसिंह
बड़ी देर हो रहल बा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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