Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2022 · 2 min read

भक्त और अंधभक्त

कई बार निरर्थक शब्द भी बहुतायत में उपयोग के कारण समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाते हैं । इसके विपरीत अत्यधिक अर्थवान शब्द भी अपने अनुपयोग /दुरुपयोग के कारण अपनी महत्ता खो देते हैं ।
आज हम ऐसे ही दो शब्दों पर चर्चा करेंगे – भक्त और अंधभक्त पर । इन दिनों अंधभक्त शब्द बहुत अधिक प्रचलन में है । अंधभक्त शब्द को उसकी समग्रता और संपूर्णता में समझने के लिए आवश्यक है कि हम भक्त शब्द को सही अर्थों में समझें । जैसे प्रेम करने वाला प्रेमी होता है ऐसे ही भक्ति करने वाला भक्त होता है । भक्ति शब्द संस्कृत की “भज्” धातु से बना है ।”भज्” का अर्थ है भजना या सेवा करना । अर्थात कोई व्यक्ति जब अपने आराध्य या इष्ट को श्रद्धा और प्रेम पूर्वक स्मरण करता है , उसकी सेवा करता है तो उसे भक्त कहा जाता है। लेकिन यह भक्त की बहुत स्थूल परिभाषा है। वस्तुतः भक्त वह होता है जो अपने आराध्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होता है । भक्ति एक तरह का सघन और शाश्वत प्रेम है । यह प्रेम की सर्वोच्च अवस्था है । इसमें भक्त अपने आराध्य से किसी तरह की कोई अपेक्षा नहीं रखता। उसका अपना कोई अलग अस्तित्व या अहम नहीं रहता । उसके मन में अपने आराध्य के प्रति कोई संशय नहीं होता । अपने आराध्य को लेकर उसके मन में कोई प्रश्न नहीं होता । वह अपने आराध्य के प्रति पूर्णतः समर्पित होता है । भक्त कभी जागरूक भक्त नहीं होता। वह सदैव अंधभक्त होता है । उसका आराध्य ही उसके लिए सर्वस्व होता है । भक्त आंखों के होते हुए भी अपनी आंखें बंद रखता है , क्योंकि अपने आराध्य के अलावा किसी अन्य के दर्शन की उसकी अभिलाषा नहीं होती। अस्तु भक्त सदैव अंधभक्त होता है ।

परंतु आजकल अंधभक्त शब्द का प्रयोग किसी विचारधारा अथवा जननेता के अनुयायी के लिए किया जा रहा है । किसी विचारधारा का अनुगमन करने वाला व्यक्ति भी वस्तुत: अंध अनुयायी ही होता है । विचारधाराएं स्वविवेक के उपयोग की अनुमति नहीं देती हैं ।

उपरोक्त विश्लेषण के आलोक में हम कह सकते हैं कि अंधभक्त एक सर्वथा निरर्थक शब्द है ।

शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 1142 Views

You may also like these posts

तो जानो आयी है होली
तो जानो आयी है होली
Satish Srijan
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
उसे तो आता है
उसे तो आता है
Manju sagar
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
दिल तक रखते
दिल तक रखते
Dr fauzia Naseem shad
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत  है।
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
"तालाब"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
डॉ. शिव लहरी
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
उनके आने से सांसे थम जाती है
उनके आने से सांसे थम जाती है
Chitra Bisht
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
श्रीकृष्ण शुक्ल
तुम इतने प्यारे हो
तुम इतने प्यारे हो
Jyoti Roshni
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आतम अनुभव
आतम अनुभव
Nitesh Shah
प्रेम करें.... यदि
प्रेम करें.... यदि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तारे
तारे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तेरा इक दिवाना हूँ
तेरा इक दिवाना हूँ
Dr. Sunita Singh
Loading...