भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
ज़रूरी भी है कश्ती के लिए पतवार का होना,
वतन की नीव हैं हम तो अलग हो ही नहीं सकते
कभी देखा है ख़बरों के बिना अख़बार का होना
~अंसार एटवी
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
ज़रूरी भी है कश्ती के लिए पतवार का होना,
वतन की नीव हैं हम तो अलग हो ही नहीं सकते
कभी देखा है ख़बरों के बिना अख़बार का होना
~अंसार एटवी