बड़े-बड़े मेहरबान गलियों में आने लगे हैं—–
बड़े-बड़े मेहरबान गलियों में आने लगे हैं,
खुद को गरीबों का सेवक बताने लगे हैं।
हमने दिमाग पर थोड़ा सा जोर डाला जब,
पता चला कि चुनाव के दिन आने वाले हैं।
बड़े-बड़े मेहरबान गलियों में आने लगे हैं,
खुद को गरीबों का सेवक बताने लगे हैं।
हमने दिमाग पर थोड़ा सा जोर डाला जब,
पता चला कि चुनाव के दिन आने वाले हैं।