ब्याह रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
ब्याह रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
सभी देवता कर रहे, फूलों की बरसात
फूलों की बरसात, साथ भूतों की टोली
तन पर डाले भस्म ,कर रही हँसी ठिठोली
देख ‘अर्चना’ रूप , लगीं मैना घबराने
कैसा रचकर स्वाँग, चले शिव ब्याह रचाने
डॉ। अर्चना गुप्ता