बोल मजीरा
बोल मजीरा, बोल, बोल।
दुनिया मेरी गोल-गोल,
मैं सबका अब खोलूँ पोल।
बोल मजीरा……………।
सूरज दादा गोल-गोल,
चन्दा मामा गोल-गोल,
तारा भैया गोल-गोल,
धरती मैया गोल-गोल,
नाच कन्हैया गोल-गोल।
बोल मजीरा……………।
लाल-लाल लीची भी गोल,
मीठे आम पके भी गोल;
बोली में अब मिसरी घोल,
कभी न बोलो कड़वे बोल,
चलो बढ़ाएँ मेल-जोल ।
बोल मजीरा……………।
बिना प्यार के, इस दुनिया में,
मानव का है कैसा मोल !
भला, बिना बल इसे यहाँ पर,
कौन सका है किसको तोल ?
डिमक-डिमक-डा बाजे ढोल।
बोल मजीरा……………।