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6 Jul 2022 · 1 min read

*बोलो तो खतरा है (मुक्तक)*

बोलो तो खतरा है (मुक्तक)
________________________
चाहे जैसा भी मौसम हो, पत्थर मौन भरा है
जोखिम केवल वही उठाता, जो रण में उतरा है
घर बैठो कमरे की कुंडी अंदर से लगवाकर
चुप रहने के लाभ हजारों, बोलो तो खतरा है
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
75 Views
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