बोलो जय महाराणा प्रताप की
(शेर)- स्वाभिमान-आजादी के योद्धा, महाराणा प्रताप है।
मानवता के पुजारी और रक्षक, महाराणा प्रताप है।।
गौरव-आदर्श हर हिंदुस्तानी के , महाराणा प्रताप है।
आन-शान-पहचान भारत की, महाराणा प्रताप है।।
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तुमको गाथा आज सुनाऊं, महाराणा प्रताप की।
सच्चे दिल से बोलो जय, महाराणा प्रताप की।।
जय महाराणा की—————————-(2)
तुमको गाथा आज सुनाऊं ———————।।
नौ मई को उदयसिंह के, घर जन्मा यह महानायक।
झुका दिया जिसने अकबर को, ऐसा था सेनानायक।।
अकबर ने भी की तारीफ, महाराणा प्रताप की।
सच्चे दिल से बोलो जय, महाराणा प्रताप की।।
जय महाराणा प्रताप की———————(2)
तुमको गाथा आज सुनाऊं ———————।।
स्वाभिमान के प्रतीक राणा, थे बड़े दानी इंसान।
मानवता के सच्चे रक्षक, देते थे सबको सम्मान।।
राणा पुंजा, हकीम खाँ सूरी, शान थे प्रताप की।
सच्चे दिल से बोलो जय, महाराणा प्रताप की।।
जय महाराणा प्रताप की ———————–।।
तुमको गाथा आज सुनाऊं ———————–।।
स्वीकार नहीं की दासता, महाराणा प्रताप ने।
खाई घास की रोटी वन में, छोड़ महल प्रताप ने।।
कुम्भलगढ़, गोगुन्दा, उदयपुर, विजय बने प्रताप की।
सच्चे दिल से बोलो जय, महाराणा प्रताप की।।
जय महाराणा प्रताप की ———————(2)
तुमको गाथा आज सुनाऊं ———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)