बोलो जय जयकार मैया रानी की
बोलो जय जयकार मैया रानी की
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बोलो जय जय कार मैया रानी की,
करती है नैया पार मैया रानी की।
बिगड़े कारज पल में है सँवारती,
सुबह-शाम जो जन गाते हैं आरती,
कर दे बेड़ा पार मैया रानी की।
करती है नैया पार मैया रानी की।
घर-घर मे कंजकों को खूब सजाते,
पूड़ी – छोले-हलवे का भोग लगाते,
झूमे – नाचे संसार मैया रानी की।
करती है नैया पार मैया रानी की।
रात-भर माता रानी के हो जगराते,
जन-गण खूब मनाते माँ के नवराते,
माँ के हो दीदार मैया रानी का।
करती है नैया पार मैया रानी का।
मनसीरत माँ के दर शीश झुकाता,
मन मांगा मनभावन फल है पाता,
दिल की सुने पुकार मैया रानी का।
करती है नैया पार मैया रानी की।
बोली जय जयकार मैया रानी की।
करती है नैया पार मैया रानी की।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)