बोलो कृष्ण कन्हैया।
नमन छन्दप्रवाह
विधा-मद लेखा छन्द(वर्णिक)
(२२२ ११२ २)
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बोलो कृष्ण कन्हैया। श्री बृंदावन छैया।
ग्वाला धेनु चरैया। दाऊ के छुट भैया
बंसी मुग्ध बजैया।
हे !गोवर्धन धारी।बांके कुंज बिहारी।
गोविन्दा गिरधारी।लक्ष्मीकांत मुरारी।
हे देवा! सुखकारी।स्वामी संकटहारी।
आनंदा बनवारी, लीला मंगलकारी।
काला नाग नथैया। नाचे नाच नचैया।
बोलो कृष्ण कन्हैया। श्री बृंदावन छैया।
प्यारा रूप निराला।गोपाला मतवाला।
दाता दीन दयाला।भक्तों का रखवाला।
बाँटें प्रेम उजाला।भागे अंतस ज्वाला।
संतों के प्रतिपाला।दीनानाथ कृपाला।
सारे काम बनैया । टूटी नाव खिवैया।
बोलो कृष्ण कन्हैया। श्री बृंदावन छैया।
बोले जो इकतारा।लेता नाम तुम्हारा।
है तेरा जयकारा,आओ दास पुकारा।
सच्चा प्रीतम प्यारा। भाई-बंधु सहारा।
कष्टों से छुटकारा।देते हैं सुख सारा।
प्रेमी रास रचैया। बाजे है शहनैया।
बोलो कृष्ण कन्हैया। श्री बृंदावन छैया।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली