बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
व्यंग्य – बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
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हम सब हिंदी दिवस की औपचारिकता तो
यूं ही निभाते रहेंगे,
हिंदी बोलने, हिंदी लिखने की औपचारिकता
बस हिंदी दिवस पर ही निभाएंगे।
चौदह सितंबर तो हर साल आता है
और तब हम हिंदी दिवस मनाएंगे
भला जब हम हिंदी दिवस मनाएंगे ही
तब हिंदी बोलना, लिखना कैसे भूल जायेंगे?
हम तो अंगूठा टेक या कम पढ़े लिखे ही सही
अपनी औलादों को कान्वेंट में ही पढ़ाएंगे,
उनको अंग्रेज बाबू बनाएंगे,
अपने नाते रिश्तेदारों पर रोब तो जमाएंगे।
कम से कथित अंग्रज के बच्चों के
बाप तो कहलाएंगे।
थोड़ा गिटिर पिटिर अंग्रेजी हम भी जान जाएंगे।
हिंदी कहीं भागी थोड़े जा रही है,
तब हिंदी दिवस पर हमारे बच्चे भी
कुछ तो हिंदी सीख ही जायेंगे,
जब हिंदी दिवस मनाएंगे,
तब थोड़ी बहुत हिंदी लिखना बोलना
वो भी तो सीख जायेंगे,
आखिर इस दिन जब हम उन्हें
हिंदी का महत्व जो समझाएंगे।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित