बोनापार्ट की प्रेरणा !
आप सब फ्रेंच रिवोल्यूशन के बारे में तो जानते ही होंगे ! आज में आपको फ्रांस को सैनिक और आर्थिक तौर पर दुबारा जीवित करने वाले नेपोलियन बोनापार्ट का एक प्रेरक प्रसंग सुनने जा रहा हूं !
1789 में फ्रेंच रिवोल्यूशन से पहले 8 वर्ष पहले 1781 फ्रांस में वित्तीय तौर पर दिवालैयांपन का आगमन हो चुका था ! वित्तय के बिना घर चलाना मुश्किल होता पर यह समस्या एक पूरे देश की बन चुकी थी ! समुद्री रास्ते चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था ! शायद इसीलिए फ्रांसिस भारत में कब्जा करने में इतने सफल नही हुए ! फिर 1789 में फ्रेंच रिवोल्यूशन के रूप में एक और बड़ी समस्या आ चुकी थी ! यहां तक कि ऑस्ट्रिया जैसे देश ने भी फ्रांस की कमजोर स्तिथि देख उसपर युद्ध की घोषणा करदी ! परंतु 1797 में मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाले नेपोलियन बोनापार्ट को फ्रांसीसी फौज का कमांडर इन चीफ बना दिया गया ! सेना की हालत भी कुछ खास नही थी ! सेना भी मानसिक तौर पर एक तरह से आत्मसमर्पण कर चुकी थी ! और तीन जनरल्स ने भी इस्तीफा दे दिया था !चारो तरफ से फ्रांस फसा हुआ था ! यहां तक फ्रांस के राजा लुइस फिलिप्स को भी जनता द्वारा जेल में डाल रखा था ! नेपोलियन बोनापार्ट को किसी भी तरह सेना में उत्साह पैदा करके पॉजिटिविटी लानी थी ! नेपोलियन बोनापार्ट ने जो कहां उसने सिर्फ फ्रांस को बचाया ही नही बल्कि फ्रांस को दुबारा रिस्टोर कर दिया ! बोनापार्ट ने कहा – में भगवान का आशीर्वाद दिया बेटा हूं में नही हारुंगा ! सेना ने ताव में आकर की भगवान का आशीर्वाद दिया हुआ बेटा हमारे साथ है ! सेना ने दुगने उत्साह से युद्ध किया और ऑस्ट्रिया को हराकर युद्ध में एक तरह से उसकी गर्दन पकड़ली ! जिसे हम इतिहास में (treaty of campo formio ) के नाम से जानते है ! और इसी तरह नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस को कई युद्धों में विजय श्री दिला कर फ्रांस की पुरानी छवि वापस दिलवाई !
शिक्षा – हमें सोच समझ कर बोलना चाहिए क्योंकि हमारे मुख से निकले शब्द प्रेरणा और बर्बादी दोनो la सकते है !