*** बोझ खच्चर-सा ***
ढ़ोया हूं बोझ खच्चर-सा जिंदगी का अब
नही दिन-रात फ़िक्र में सोया जिंदगी अब
तेरी पेहरन – उतार फेंकना चाहता हूँ जिंदगी
खोया ख्याल-ए- मौत बड़ी देर से रब अब ।।
?मधुप बैरागी
ढ़ोया हूं बोझ खच्चर-सा जिंदगी का अब
नही दिन-रात फ़िक्र में सोया जिंदगी अब
तेरी पेहरन – उतार फेंकना चाहता हूँ जिंदगी
खोया ख्याल-ए- मौत बड़ी देर से रब अब ।।
?मधुप बैरागी