*बॉंसुरिया मधुर बजाई (भक्ति गीत)*
बॉंसुरिया मधुर बजाई (भक्ति गीत)
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अधरों पर धर मोहन ने, बॉंसुरिया मधुर बजाई
(1)
गूॅंज उठा आकाश इस तरह,ज्यों मधु की बरसातें
तारे थे नभ में शोभित, चंदा से शीतल रातें
कहा चॉंदनी ने कैसी, यह अद्भुत मस्ती छाई
(2)
राधा नाच उठी, नन्हे पैरों से छम-छम करती
हृदयों में आनन्द, रात यह महारास की भरती
थिरका यमुना-तट छू ली, लहरों ने फिर ऊॅंचाई
(3)
बजा बाँसुरी का यह स्वर,ज्यों अनहद-नाद बजा हो
राग सभी हों नतमस्तक, यों सुर-संगीत सजा हो
सुनी बॉंसुरी राधा ने, सुन सुधबुध सभी भुलाई
अधरों पर धर मोहन ने, बॉंसुरिया मधुर बजाई
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451