बैरी परदेशी पिया तुम याद बहुत आए
हाथ में मेहेन्दी रचे सावनके झुले आए
बैरी परदेशी पिया तुम याद बहुत आए
झुल रही सखीयाँ गाए मिलन के गीत
बरस रहे हैं आँसु तेरे प्यार में मेरे मीत
कैसे बिते हैं रैन सारी कैसे तुम्हे बताएँ
बैरी परदेशी पिया तुम……………….
रिमझिम गिरते बूँदे तन में आग लगाए
बाट निहारू तेरी दिल में सपने सजाए
कितनी हैं बेचैनी यहाँ कैसे तुम्हे बताएँ
बैरी परदेशी पिया तुम ………………..
हाथ में मेहेन्दी रचे सावनके झुले आए
बैरी परदेशी पिया तुम याद बहुत आए |