मैं उसकी देखभाल एक जुनूं से करती हूँ..
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद)
विदेश मे पैसा कमा कर पंजाब और केरल पहले नंबर पर विराजमान हैं
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
समुंदर में उठती और गिरती लहरें
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
जीवन के सच तो शब्द होते हैं।
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**