बेसहारा दिल
बेसहारा दिल को कोई सहारा मिले
झूमता सा बादल कोई आवारा मिले
नहीं पुर सकूँ मिले, सारे जो लम्हे जो जिये
फिर भी तमन्ना है , ज़िंदगी ये , दोबारा मिले
जिससे भी मिलो , तसल्ली से मिलो
ज़रूरी नहीं ,ये शख़्स ज़िंदगी में दोबारा मिले
पता नहीं कौन सी मुलाक़ात, आख़िरी मुलाक़ात
हो सकता है ,ये मौक़ा फिर कभी, न दोबारा मिले
डा. राजीव “सागरी”