Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Anoop 'Samar'
26 Followers
Follow
Report this post
18 Feb 2020 · 1 min read
बेसमझ
बेसमझ ही थे…………….. तो ठीक था!
उलझने ज्यादा हुई तो समझदार हो गए!
?अनूप एस?
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
Like
Share
2 Likes
· 472 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हवाओं से कह दो, न तूफ़ान लाएं
Neelofar Khan
वो जो आए दुरुस्त आए
VINOD CHAUHAN
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
घर आना दोस्तो
मधुसूदन गौतम
हिन्दी ग़ज़लः सवाल सार्थकता का? +रमेशराज
कवि रमेशराज
??????...
शेखर सिंह
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
"सन्त रविदास जयन्ती" 24/02/2024 पर विशेष ...
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
Dr Archana Gupta
आजादी का जश्न मनायें
Pratibha Pandey
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
युवा आज़ाद
Sanjay ' शून्य'
"कविता का किसान"
Dr. Kishan tandon kranti
जय हिंदी
*प्रणय प्रभात*
2897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
थोड़ी दूरी,
Sonam Puneet Dubey
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
सो चुके जीव सभी
Chitra Bisht
आईना
Sûrëkhâ
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
Rj Anand Prajapati
*तिरंगा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बीत गया सो बीत गया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
पुस्तक
Sangeeta Beniwal
Loading...